Home   |   About   |   Terms   |   Contact    
A platform for writers

वीर का पत्र अपनों के नाम

Hindi Short Story

------ Notice Board ----
स्वरचित हिन्दी कहानी प्रतियोगिता - Dec, 2022
Result   Details
--------------------------


List of all Hindi Stories    22    23    24    25    26    27    28    29    ( 30 )     31    32   

वीर का पत्र अपनों के नाम
लेखक- संजय कुमार गुप्ता, नियर इंद्रप्रस्थ, लहरतारा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश


# वीर का पत्र अपनों के नाम
लेखक- संजय कुमार गुप्ता, नियर इंद्रप्रस्थ, लहरतारा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
मेरा बचपना कब बड़ा हुआ, खबर ही नहीं लगी। अक्सर खाली समय में अमलतास के झुरमुटों से आसमान को निहारता रहता था। मन मेरा पंछी हो चला था। आसमान में बादलों को चीर कर उड़ते हवाई जहाज को देखना, एक अजब ही रोमांच उत्पन्न करता था। बस इसी उचाई को नापता, ऊंचे ख्वाब आंखों में लेकर देहरादून के नेशनल डिफेंस एकेडमी में दाखिला मिल गया। देहरादून तो मैं आ गया, पर अम्मा की नम आंखें और पिताजी का 'बिना मन' से विदा करना कहीं-ना कहीं मुझे अंदर से भेद रहा था।

पिताजी का सपना था बेटा सिविल सेवा में जाए, वहीं अम्मा सेना में भर्ती के बिलकुल खिलाफ थीं। उनका मानना था, एक मासूम सा अबोध दिखने वाला बालक दुश्मनों से कैसे मुकाबला कर पाएगा। पर मेरी जिद व जुनून को देखकर उन्होंने अन्मने से ही सहमति दे दी। मैं अच्छी तरह जानता था अम्मा का गुस्सा दिखावटो है। इतनी वो भावुक थीं और मुझसे इतना लगाव रखती थी कि पल भर के लिए भी मुझे अपनी आंखों से दूर रखना नहीं चाहती थी।

चलते-चलते उन्होंने जो सीख दी, उससे मेरा छाती गर्व से और चौड़ा हो गया। उन्होंने मुझसे पूछा, "मैं तेरी कौन हूं?"

मुझे उनका प्रश्न अटपटा लगा। मैंने भी आत्मविश्वास से कहा, "मां!"

"बस तुझे उसी मां की सौगंध, मैं तुझे धरती मां के हवाले कर रही हूं। मेरा दूध का कर्ज, देश सेवा कर चुकाने का वक्त आ गया है। तू कभी ऐसा काम नहीं करना कि मेरा सिर कभी झुक जाए," इतना कह कर उनका गला भर आया और जोर से फफक पड़ी। बहुत ही धर्म संकट की स्थिति थी। एक तरफ मां की ममता तो, दूसरी तरफ धरती मां के लिए फर्ज। पिताजी ने पुत्र को मां के मोह व विछोह में पड़ते देख उत्साहित करने के अंदाज में कहा, "बरखुरदार! ट्रेन स्टेशन पर आपकी प्रतीक्षा नहीं करेगी।"

इससे पहले मैं मां से लिपटकर खूब रो लेना चाह रहा था, पर पिताजी के शब्दों ने मुझे मेरी भावनाओं पर अंकुश लगाया। मैं मां के चरण स्पर्श कर झट से टैक्सी में जा बैठा। घर से स्टेशन तक के सफर में, मैं पिताजी की खामोश आंखों को पढ़ने की कोशिश कर रहा था। यह कैसी विवशता है देखिए, स्त्रियां रोकर तो अपना दुख हल्का कर लेती हैं पर पुरुष अंदर-अंदर घूरते, पर कुछ कहते नहीं।

पिताजी ने शुरू से ही मुझे अनुशासन में रखा, शायद उसकी आदत मुझे अपने ट्रेनिंग में फायदेमंद साबित होने वाली थी।

आज ट्रेनिंग का आखिरी दिन था। सभी पास आउट करने वाले ट्रेनीज रंगरूटों को पारंपरिक वेशभूषा में सभागार में उपस्थित होकर सम्मान देने के लिए आमंत्रित किया गया था। सर्वोच्च क्रेडिट में अपना नाम की उद्घोषणा के बाद मुझे जरा भी यकीन नहीं हो रहा था। इस सम्मान को पा जरूर मैं रहा था, पर समर्पित मैं अपने जनक व वंदनीय मां को याद कर रहा था। यह उन्हीं की तपस्या व आशीर्वाद का प्रतिफल था।

सभी कैडेट डिनर के लिए गए थे, पर मैं कमरे में बैठा बस अपने अम्मा व पिता जी के विषय में ही सोच रहा था। मेरी कलम खुद-ब-खुद उठी, वह डायरी के पन्नों में मेरे मन के उदगार अक्षरों से शब्दों में पिरोते गए और शब्दों ने वाक्यों के रूप में ऐसा समा बांधा कि, मेरे आंखों से झर-झर बूंदे डायरी पर टपकते हुए मेरे मां-पिताजी को संबोधित पत्रों में समाहित हो गए।

आदरणीय,
      अम्मा व पिताजी,
      सादर चरण स्पर्श।
आज दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मेरे पास है, पर कितना दुर्भाग्य है, मैं आप सब को इस सफलता का साझीदार नहीं बना पा रहा हूं। आज आप लोग मुझे बहुत याद आ रहे हैं। जी करता है दौड़कर अम्मा की गोद में छुप जाओ और मिले सर्वोच्च सम्मान का प्रमाण पत्र पिता जी के चरणों में भेंट कर दुं। आप अपने लाल को सम्मान पाते देख आपकी आंखों में उतरी खुशी को महसूस करना चाहता हूं। अम्मा से किए वादे मुझ पर अब उधार नहीं है। भारत माता की सेवा व्रत का वचन ले मैं अपने कर्तव्य पथ पर कुच करने निकल पड़ने वाला हूं। आप सबका आशीष मुझ पर यूं ही बरसता रहे। मैं आपके नाम से ही देश का वीर सपूत कहलाऊं। बस यही मन में एक छोटी सी ख्वाइश है। जल्द ही मिलने की आकांक्षा लिए अपना पत्र समाप्त कर रहा हूं।
      आपका लाल
      वीर
( समाप्त )


Next Hindi Story

List of all Hindi Stories    22    23    24    25    26    27    28    29    ( 30 )        31    32   


## Disclaimer: RiyaButu.com is not responsible for any wrong facts presented in the Stories / Poems / Essay or Articles by the Writers. The opinion, facts, issues etc are fully personal to the respective Writers. RiyaButu.com is not responsibe for that. We are strongly against copyright violation. Also we do not support any kind of superstition / child marriage / violence / animal torture or any kind of addiction like smoking, alcohol etc. ##

■ Hindi Story writing competition Dec, 2022 Details..

■ Riyabutu.com is a platform for writers. घर बैठे ही आप हमारे पास अपने लेख भेज सकते हैं ... Details..

■ कोई भी लेखक / लेखिका हमें बिना किसी झिझक के कहानी भेज सकते हैं। इसके अलावा आगर आपके पास RiyaButu.com के बारे में कोई सवाल, राय या कोई सुझाव है तो बेझिझक बता सकते हैं। संपर्क करें:
E-mail: riyabutu.com@gmail.com / riyabutu5@gmail.com
Phone No: +91 8974870845
Whatsapp No: +91 6009890717