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स्वरचित हिन्दी कहानी प्रतियोगिता - Dec, 2022

Hindi story writing competition - Dec, 2022

Result of Hindi Story Competition, Dec 2022

Result of Hindi Story Competition, Dec 2021

Result of Hindi Story Competition, Dec 2020


The Rules and Regulations of the Story Writing competition Dec- 2022 Was:

◕ नगेन्द्र साहित्य पुरस्कार - Dec, 2022
स्वरचित हिन्दी कहानी प्रतियोगिता

RiyaButu.com द्वारा आयोजित 'स्वरचित कहानी प्रतियोगिता' में आपका स्वागत है। हर साल यह प्रतियोगिता आयोजित होती है। इस प्रतियोगिता के नियम नीचे दिए गए हैं:

1) कोई भी लेख़क / लेखिका इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। ( Open to all. No Entry Fee. )

2) भाषा: हिन्दी

3) यह प्रतियोगिता का समय सीमा 1st December, 2022 से 31 st December, 2022 तक है।

4) परिणाम: 12 th January, 2023
परिणाम इसी Webpage पे दिया जाएगा।
Please note: 12 th January is the day of birth of Swami Vivekananda.

5) कहानी स्वरचित होनी चाहिए। केबल E-mail के माध्यम से ( PDF / MS Word form में ) कहानी भेजें। साथ में लेख़क / लेखिका का नाम, पता और फोन नम्बर जरुर रहना चाहिए। किसी दूसरे की लिखी हुईं कहानी अपने नाम से भेजने पर सारा कानूनी जिम्मेदारी E-mail भेजनेवाले पर रहेगी। RiyaButu.com इस मामले में बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं रहेगा।

6) हर कहानी के नीचे लेख़क / लेखिका को यह लिखके देना होगा कि,
"यह कहानी, मेरी लिखी हुई स्वरचित कहानी है। अब तक यह कहानी कही पर भी प्रकाशित नहीं हुई है।"

7) word limit: No word limit.

8) पुरस्कार: इस प्रतियोगिता में केवल एक ही पुरस्कार होगा। बिजयी कहानी को मिलेगा नकद 5000/- रुपये ( पाच हजार रुपये)। यह राशि केवल Net Banking के माध्यम से ही भेजा जायेगा। ( Within 30 days after the result.

9) बिजयी कहानी को लेखक या लेखिका के नाम, धाम के साथ 12 th Januar, 2023, RiyaButu.com में प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही इस प्रतियोगिता में भाग लेनेवाली अन्य 15 कहनियों को भी लेखक या लेखिकाओं के नाम, धाम के साथ RiyaButu.com में प्रकाशित किया जाएगा। इसके लिए उनोको कुछ भी धन राशि नहीं दिया जाएगा।

10) कहानी प्रकाशित होने के बाद केवल RiyaButu.com को ही RiyaButu.com से कहानियों को हटाने का अधिकार है।

11) इस प्रतियोगिता के हर बिषय में आयोजकों का सिद्धांत ही अंतिम माना जाएगा।

12) इस प्रतियोगिता के बारे में आपका कोई भी प्रश्न / सुझाव हो तो हमे तुरंत फोन करें।

हमारा पता:
धलेश्वर, रोड नं - 13,
आगरतला, त्रिपुरा ( प:), भारत
Pin - 799007
Phone: +91 8974870845
Whatsapp: +91 6009890717
E-mail ID:
riyabutu.com@gmail.com / riyabutu5@gmail.com


इस प्रतियोगिता का उद्देश्य:
पूरी दुनिया में बहुत अच्छे- अच्छे लेखक / लेखिकाए हैं, जो बहुत अच्छी - अच्छी कहनियाँ लिख रहे हैं। लेकिन कहीं publish कर नहीं पातें। RiyaButu.com ऐसे ही प्रतिभाशाली लेखक / लेखिकाओं को एक Platform देना चाहता है। जहाँ वे अपनी लिखी हुईं कहानियों को दुनिया भर में फैला सकते हैं। दुनिया भर के अच्छे - अच्छे पाठकों के लिए दुनिया भर के अच्छे - अच्छे लेखक / लेखिकाए हों, यहीं इस प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य है। आशा है आपका साथ मिलेगा।

नगेन्द्र साहित्य पुरस्कार
स्वरचित हिन्दी कहानी प्रतियोगिता परिणाम, 2022




RiyButu.com की ओर से सभी प्रतिभागियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं। इस वर्ष इस प्रतियोगिता के विजेता है -

पढ़ेगा और आगे बढ़ेगा इंडिया
Writer: पुष्पेंद्र कुमार पटेल, कटघोरा, जिला-कोरबा, छत्तीसगढ़

कहानी नीचे दिए गए हैं। इसके साथ ही इस प्रतियोगिता की अन्य कुछ अच्छी कहानियाँ RiyaButu.com पर भी प्रकाशित की जाएंगी। सूची नीचे दी गई है। कहानी के लिंक निर्दिष्ट दिन पर कहानी के साथ दिया जाएगाः

■ पढ़ेगा और आगे बढ़ेगा इंडिया
Writer: पुष्पेंद्र कुमार पटेल, कटघोरा, जिला-कोरबा, छत्तीसगढ़

बिजली बिल दफ्तर के चक्कर काटते 50 वर्षीय सुमित साहू को 3 दिन हो गये थे। मीटर बदलवाने हेतु आवेदन वो कई बार लिख चुके और परिणाम के तौर पर बस कागजी घोड़े दौड़ते रहे। हर बार की तरह इस बार भी साहू जी कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने लगे।

"सुमित साहू आप ही है न!! आपको साहब ने अंदर बुलाया है," अंदर से आवाज आई।

सुना है कोई नया कर्मचारी आया है तभी तो आज अंदर ही प्रवेश मिल रहा, ऐसा सोचते हुए वे अंदर गये। सहसा लगभग 26 वर्ष का नौजवान विद्युत कर्मचारी उनका पैर छूने लगा और कहा, "प्रणाम भैया जी, पहचाना नही!! मैं आपका छोटू...पेंड्रा का रहने वाला। अभी कुछ दिनों पहले ही मेरा बिलासपुर तबादला हुआ है।"

सामने विवेक सारथी (ऑपरेटर) का एक छोटा सा बोर्ड रखा हुआ था।

"छोटू..." ये नाम सुनते ही साहू जी का मन गदगद हो गया और वे अतीत की स्मृतियों में विचरण करने लगे...

#
बी.एड. की पढ़ाई के लिये 25 वर्षीय सुमित परिवारजनों से दूर पेंड्रा में शिफ्ट हुआ और किराये के मकान में रहने लगा। रविवार अवकाश होने से वह अपने कार्यों में लीन था।
"रद्दी पुराने पेपर वाले...लोहा, टीना प्लास्टिक वाले..."
बाहर से आती हुई इस आवाज ने उसका ध्यान भंग किया और उसे स्मरण हुआ कि उसके कमरे में अखबारों का कबाड़ जमा हो रहा है।

"सुनो भैया...रुको..." अखबारों की गड्डियाँ लेकर वह बाहर आया। बचपन से ही उसे अखबार, कहानी, उपन्यास पढ़ने का शौक था और शायद यही वजह थी कि उसने शिक्षा के क्षेत्र को अपने कैरियर के रूप में चुना।

"खाली अखबार ही है क्या बाबू? कॉपी - किताब भी ला दो..." लगभग 40 वर्ष का एक आदमी श्याम मैले- कुचैले कपड़ो में खड़ा था।

"नही भैया। कॉपी-किताब तो पढ़ने के बाद किसी जरूरतमंद को दे देते हैं अखबार ही रख लो..." सुमित ने श्याम से कहा।

"अरे! ला छोटू तराजु ले आ, भैया का अखबार तौल देते हैं।" अपने 10 साल के बेटे को आवाज लगाते हुए वह अखबारों की गड्डियाँ समेटने लगा। टूटे हुए बटन वाली कमीज जो गठरी की तरह कमर पर बंधे थे और रंग उधड़ा हुआ सा हाफ पैंट पहना छोटू तराजू लेकर आया।

"पचास रुपये हुए भैया जी, एकदम सही तौल में बता रहा ..." पचास का नोट थमाते हुए रद्दीवाले ने सुमित से कहा।

"ठीक है... ठीक है... चल जायेगा। ये पचास छोटू को मेरी ओर से। ये आपका बेटा है न? कौन सी कक्षा में पढ़ता है?" सुमित ने पचास का नोट छोटू के हाथों में थमाते हुए पूछा।

सुमित का ये सवाल सुनकर छोटू ने 'ना' में सिर हिलाया। श्याम ने बताया कि घर-घर रद्दी सामान एकत्रित करने से लेकर उसके भंडारण तक छोटू रोज उनकी मदद करता है। उनकी इतनी हैसियत नही की उसका किसी अच्छे विद्यालय में दाखिला करा सके। इस रद्दी के कारोबार से चार पैसे उनके हाथ आते हैं जो लड़की के ब्याह वास्ते जोड़े जा रहे हैं। छोटू की माँ अक्सर बीमार रहती है और बड़ी मुश्किल से ही गृहकार्य कर पाती है; एक बड़ी बहन है जो घर-घर जाकर साफ सफाई का काम करती है; उसने भी तो एक आखर नही पढ़ा। श्याम के इन बातों ने सुमित के हृदय में वेदना भर दिये।

"तो किसी सरकारी स्कूल में आपने छोटू का दाखिला क्यों नही कराया? हमारी आज की शिक्षा नीति निःशुल्क और अनिवार्य है।" सुमित ने बड़ी अचरज भरी निगाहों से श्याम को देखते हुए पूछा।

"क्या बताऊँ बाबू? एक बार तो हांथ-पाँव मारे थे इसके लिये पर सरकारी गुरुजी बोलते हैं जन्म प्रमाण पत्र लाओ, ये लाओ, वो लाओ ..."

"तो फिर छोटू ने कभी नही कहा पढ़ाई के लिये?"

"शुरू से ही मेरे साथ हाथ बटाता है फिर इसके अंदर कोई ललक न उठी पढ़ाई की। अब बोलता है बड़ा होकर रद्दीवाला ही बनेगा।"

सुमित एकटक उसे निहारता रहा। हाय! ये कैसी विषम परिस्थिति है? सरकार जहाँ शिक्षा की अलख जगाने एड़ी-चोटी पर जोर दे रही है और दूसरी तरफ न जाने छोटू जैसे कितने मासूमों का बचपन अज्ञानता के तिमिर में धुंधलाता जा रहा है। जब तक कोई सार्थक प्रयास नही करेगा तब तक शिक्षा जन-जन के द्वार कैसे पहुँच पायेगा?

सुमित ने छोटू के सिर पर हाथ रखते हुए कहा कि वह उसे पढ़ाना चाहता है और इसके लिये श्याम उसे रोज उसके पास भेजे। अब तक बी.एड. की शिक्षा के दौरान उसने यही तो सीखा था ज्ञानदीप से हर जीवमात्र को प्रकाशित करना ही शिक्षक का परम कर्तव्य है। सकुचाता हुआ छोटू श्याम का हाथ पकड़कर जाने लगा।

#
दो दिनों बाद
संध्या का समय कॉलेज से आने के पश्चात सुमित आँगन में ही विचरण कर रहा था
"भैया... भैया..."

"अरे! छोटू...मुझे तो लगा था तुम नही आओगे?"

"भैया क्या पढ़ लिख कर कुछ भी बन सकते हैं?"

"हाँ छोटू... तुम अपने सारे सपने पूरे कर सकते हो।"

उसे अंदर बुलाते हुए सुमित ने अपने पास बिठाया। सारा इंतजाम वह पहले ही कर चुका था। बढ़िया सा नाश्ता परोसने के बाद उसके हाँथो लेखनी थमाते हुए माँ सरस्वती से बस यही विनय करने लगा जिस उद्देश्य से उसने छोटू को यहाँ बुलाया है वह शीघ ही पूर्ण हो। इस तरह छोटू रोज वहाँ आता और 2 से 3 घण्टे अध्ययन में बिताता। बीच - बीच में सुमित उसे दुनियादारी भी सीखाता। धीरे-धीरे सुमित के साथ 2-3 बच्चे और आने लगे उन्हे भी सुमित जी-जान से अभ्यास कराता और वे सभी उसके साथ काफी घुल - मिल गये। इस तरह इन 2 सालों में सुमित ने उन सभी को इस तरह से तैयार किया कि वे प्राथमिक समतुल्यता परीक्षा में बैठ सके और अपने आगे का अध्ययन नियमित रूप से विद्यालय में कर सके। कुछ पैसे भी उसने सभी बच्चों के दाखिले के लिये उनके परिवारजनों को दिए। अपनी बी.एड. की शिक्षा पूर्ण कर वो अपने घर बिलासपुर लौट आया।

#
"क्या हुआ भैया? आप कहाँ खो गये?"

"कुछ नही भाई। मै तुम्हारे छोटू से विवेक बनने के सफर के बारे में सोच रहा था। देखा, पढ़ लिखकर तुम आज क्या बन गये..." साहू जी ने उसके सिर पर हाथ रखते हुए कहा।

छोटू ने बताया कि साहू जी के पेंड्रा से जाने के बाद उन सभी बच्चों ने पास के ही सरकारी विद्यालय में दाखिला लिया और फिर नियमित पढ़ाई करते हुए अपना काम भी जारी रखा। आगे चलकर उसने कम्प्यूटर कोर्स किया फिर कड़ी मेहनत के बाद उसे ये नौकरी मिली। साहू जी सारा वृतांत सुनकर मन्द- मन्द मुस्कुराते रहे और गर्वित होकर छोटू को स्नेह भरी निगाहों से देखते रहे।
समाप्त


◕ इस प्रतियोगिता की अन्य कुछ अच्छी कहानियाँ RiyaButu.com पर भी प्रकाशित की जाएंगी। सूची नीचे दी गई है। कहानी के लिंक निर्दिष्ट दिन पर कहानी के साथ दिया जाएगाः

■ सबक
Writer: Gurmeet Kaur, Brahmpuri, Jaipur, Rajasthan
Full Story

■ अंजना
Writer: Vinita mohta, Vidisha
Will publish on: 14 Jan, 2023

■ AASHIRWAAD
Writer: Gourav Sharma, Kota, Rajasthan
Will publish on: 17 Jan, 2023

■ प्रकृति एवं समृद्धि
Writer: अजय कुमार गुप्ता, बोईसर, पालघर, महाराष्ट्र
Will publish on: 19 Jan, 2023

■ पापा कब आओगे
Writer: संजय कुमार गुप्ता, मडौली, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
Will publish on: 21 Jan, 2023

■ साक्षी और शिखर
Writer: दीपा गोदानि, विदिशा 
Will publish on: 24 Jan, 2023

■ अकथ कहानी प्रेम की (कहानी)
Writer: दिलीप कुमार, आनन्द बाग, बलरामपुर, उत्तर प्रदेश
Will publish on: 26 Jan, 2023

■ प्रेम की अभिलाष
Writer: सिम्मी यादव, खेकड़ा, बागपत, उत्तर प्रदेश
Will publish on: 28 Jan, 2023

■ उन्हें बचा लो
Writer: Priyanka Gaur, Ghodasar, Ahmedabad, Gujarat
Will publish on: 31 Jan, 2023

■ विकलांगता
Writer: Nitisha, Rataul, Baghpat, UP
Will publish on: 4 Feb, 2023

नगेन्द्र साहित्य पुरस्कार
स्वरचित हिन्दी कहानी प्रतियोगिता परिणाम, 2021


RiyButu.com की ओर से सभी प्रतिभागियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं। इस वर्ष इस प्रतियोगिता के विजेता है -

वीडियो कॉल
लेखिका - विनीता मोहता, विदिशा, मध्य प्रदेश
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Listen the story: वीडियो कॉल


◕ इस प्रतियोगिता की अन्य बहुत अच्छी कहानियाँ RiyaButu.com पर भी प्रकाशित की जाएंगी। सूची नीचे दी गई है। कहानी के लिंक निर्दिष्ट दिन पर कहानी के साथ दिया जाएगाः

■ दो तस्वीरें ज़िन्दगी की
Writer - गौतम कुमार सागर , वडोदरा
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■ ज़िंदगी फिर यहीं कहीं
Writer - मनोज शर्मा, दिल्ली
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■ खत माँ के नाम
Writer - गौरव शर्मा, राजस्थान
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■ उपहार की गति
Writer - सविता मिश्रा 'अक्षजा', खंदारी, आगरा, उत्तर प्रदेश
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■ पहला सावन
Writer - पुष्पेन्द्र कुमार पटेल, कटघोरा, कोरबा, छत्तीसगढ़
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■ गोलू की मुरली
Writer - सबिता कुशवाहा, निपनिया, रीवा, मध्य प्रदेश
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■ गिला
Writer - Manju Bal Krishna Panda, Harchandpur, Alwar, Rajasthan
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■ हुरमा
Writer - संजय जनागल, लालगढ़, बीकानेर, राजस्थान
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■ लॉस्ट एंड फाउंड
Writer - दिलीप कुमार, Anand bagh, Balrampur, UP
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■ मेरी पत्नी की डायरी
Writer - अजय कुमार गुप्ता, बोईसर, पालघर, महाराष्ट्र
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■ फ़्रेंडशिप
Writer - इन्दु सिन्हा, रतलाम, मध्यप्रदेश
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■ पितृ ऋण
Writer - संजय कुमार गुप्ता, लहरतारा, नियर इंद्रप्रस्थ , वाराणसी, उत्तर प्रदेश
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■ गुनहगार
Writer - रजनी कुशवाहा, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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■ वृक्षा अमृत
Writer - नफे सिंह कादयान, अम्बाला, बराड़ा, हरियाणा
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■ पिंघला हुआ ख्वाब
Writer - Priyanka Gaur, Ghodasar, Ahmedabad
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■ संघर्षमय जीवन
Writer - Divyanshi Triguna, AMROHA, (UP)
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■ माधव अब मैं क्या करूँ
Writer - कोमल टंडन
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■ कौन है वो
Writer - रोशनी रावत, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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■ पापा का सपना
Writer - मधु ठाकुर, सागर, मध्यप्रदेश
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नगेन्द्र साहित्य पुरस्कार
स्वरचित हिन्दी कहानी प्रतियोगिता परिणाम, 2020


हमने नहीं सोचा था कि हमें लेखकों और पाठकों से इतना जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलेगी। हमें पूरे भारत से बहुत सारी कहानियाँ मिली हैं। RiyButu.com की ओर से सभी प्रतिभागियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं। इस वर्ष इस प्रतियोगिता के विजेता है -

Priyanka Gaur, Ghodasar, Ahmedabad. 380050

उनकी कहानी का नाम है 'भीगता छाता'
यह कहानी पढ़ने के लिए आगे के लिंक पर क्लिक करें : भीगता छाता

◕ इस प्रतियोगिता की अन्य बहुत अच्छी कहानियाँ RiyaButu.com पर भी प्रकाशित की जाएंगी। सूची नीचे दी गई है। कहानी के लिंक निर्दिष्ट दिन पर कहानी के नाम के साथ होंगे।

भूख
Writer: मधुकर मिश्रा, रायपुर, छत्तीसगढ़
The story Published on: 16.01.2021
Link is here: भूख


नाला नाला जिंदगी
Writer: पुष्पेंद्र कुमार पटेल, कटघोरा, जिला-कोरबा छत्तीसगढ़
The story Published on: 23.01.2021
Link is here: नाला-नाला जिन्दगी


खोटा सिक्का
Writer: Dr.Narinder Shukla, Sector 21, Panchkula, Hariyana
The story published on: 30.01.2021
The link is here: खोटा सिक्का


हमारे अपने
Writer: Disita Arya, Sec-14 ,Udaipur, Rajasthan
The link is here: हमारे अपने


क्रैक
Writer: रबिन्द्र सिंह सजवान, Kurukshatra University, Kurukshatra, 136119
The link is here: क्रैक


( Due to Covid 19 We were unable to publish the following stories on the scheduled time. We are very sorry for that.)

धैर्य
लेखिका- पूनम सोनी, हुसैनी आलम, हैदराबाद
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देख लो मुझको, आईना हूँ मैं
लेखक: डॉ लोकेन्द्रसिंह कोट, बड़नगर, उज्जैन, मध्यप्रदेश
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जाँच परीक्षा
लेख़क: मो. जमील, अंधराठाढ़ी, मधुबनी (बिहार)
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करुणा
लेखिका: सुनीता सिंह,जानकीपुरम विस्तार, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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एक और चाँद
लेकिका: नवनीता कुमारी (डेंटिस्ट ), बेतिया, पं.चंपारण, बिहार
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उड़ान
Writer: Rafique shah, khanpur, New Delhi
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प्रथम प्रणय की पहली बारिश
Writer: Indu Singha, Indor, M.P
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आवाज़ें
Writer: प्रकाश गुप्ता, Lohagate keshri Nagar, Indrapuri, Patna, Bihar
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